रविवार, 31 अगस्त 2014

भामाशाह योजना के लाभ

 भामाशाह योजना के लाभ

इसका मैन लाभ यह है की पहले किसी भी विभाग से जो पैसा ग्राहक को मिलता था ( सोसेट्य , बैंक ,सब्सिडी आदि का पैसा आता था ) उसमें क्या होता था की ग्राहक तक पैसा पहुँच भी नही था और ग्राहक पैसो के लिए गुम्ता ही रहता था
और पैसा बीच में ग़ायब हो  जाता था
जो अनपढ़ ग्राहक होते थे पता ही नही चलता था और पैसा बीस में सरकारी ऑफिसर या अन्य आदमी भी पैसे खा  जाता था  

जिससे ग्राहक बार बार विभाग में जाकर शिकायत करता था इस लिए सरकार ने अब भामाशाह योजना निकली जिससे ये समस्या पैदा ही ना हो 


 और इसके साथ ही सरकार ने 100000 लाख रूपये का बीमा भी शुरू किया है जिससे आम आदमी को किसी भी प्रकार की कोई  भी  समस्या नही आनी चाहिए 

उस 100000 रुपयो से अपने परिवार का ध्यान रख सके  




 भामाशाह योजना की प्रशिक्षण कार्यशाला मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में 
जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। 
इसमें कलक्टर ने कहा कि सरकार की इस योजना को अब 
जिले में आवश्यक परिवर्तन के साथ बड़े पैमाने पर लागू किया जाएगा।
भामाशाह कार्ड के माध्यम से लोगों 
को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए जिले में 16 अगस्त
से भामाशाह आधार नामांकन शिविर लगाए जाएंगे।

उन्होंने सभी उपखण्ड अधिकारी, विकास अधिकारी एवं तहसीलदारों को योजना के संचालन के लिए 
नियमानुसार अपने-अपने क्षेत्रों में व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 
जिले में प्रत्येक परिवार को बैंक खाता से जोड़ा जाएगा तथा महिला सशक्तीकरण के लिए ये खाते 
हिलाओं के नाम से जोड़े जाएंगे। एडीएम भगवान सहाय शर्मा ने उपखण्ड अधिकारी व विकास 
अधिकारियों को नई ग्राम पंचायत के गठन के नियमानुसार प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। 
इस दौरान सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उपनिदेशक राजश्री सांखला व आर्थिक सांख्यिकी निदेशालय
 की सहायक निदेशक विभा शर्मा ने पावर प्वॉइंट से योजना की जानकारी दी।

बायोमैट्रिक सत्यापन होगा
जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के तहत परिवार आधारित सूचना सभी सदस्यों के बायोमैट्रिक 
सत्यापन से एकत्र की जाएगी। इसके लिए जुलाई से अक्टूबर के बीच भामाशाह नामांकन शिविर लगाए 
जाएंगे। शिविर ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत तथा शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर लगेंगे। इसमें एसडीएम, 
बीडीओ या तहसीलदार स्तर के अधिकारी को शिविर प्रभारी बनाया जाएगा। शिविरों के सफल संचालन के 
लिए अधिकारी व कर्मचारी की उपस्थिति, पानी, छाया, चिकित्सा, कानून व्यवस्था, बिजली व इंटरनेट 
आदि की व्यवस्था की जाएगी। परिवार के सदस्यों के फोटो लिए जाएंगे तथा आधार नामांकन से वंचित 
लोगों का नामांकन कराया जाएगा।

इसके अलावा सभी लोगों का आधार पहचान आधारित डाटा, बुनियादी जनसांख्यिकीय इलेक्ट्रॉनिक डाटा
तथा विभागीय योजनाओं का विशिष्ट डाटा उनके फोटो सहित राज्य डाटा सेंटर में सुरक्षित रखा जाएगा। 
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बैंक प्रतिनिधि तथा खाद्य विभाग के अधिकारी भी इन 
शिविरों में मौजूद रहेंगे। भामाशाह प्लेटफार्म के जरिए सरकार की ओर से लोगों को दिए जाने वाला 
लाभ सीधे बैंक खाते में जमा कराया जाएगा। 

ये होगी कार्ड की विशेषता : कलक्टर ने बताया कि शिविर में प्रत्येक परिवार के मुखिया के नाम 
से कार्ड बनाया जाएगा। इसी में परिवार के सदस्यों के नाम दर्ज किए जाएंगे। महिला को परिवार का 
मुखिया बनाना प्रशासन की प्राथमिकता रहेगी, लेकिन पुरूष का नाम भी परिवार के मुखिया के रूप 
लिखवाया जा सकेगा।